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      मैंने अंग्रेज़ी कैसे सुधारी | How I improved My English

      मैं एक हिन्दी माध्यम से पढ़ा हुआ छात्रा रहा । और उस समय इन्टरनेट भी नहीं हुआ करता था ।

      जिससे हमें अंग्रेज़ी समझने में काफी कठिनाई हुआ करती थी । हालाँकि अंग्रेजी ग्रामर समझने में और उसको एप्लाई करने में शायद ही कभी कठिनाई हुई हो ।

      कारण ये था कि हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों को अंग्रेजी ग्रामर भी हिन्दी में पढ़ाई जाती है । जिससे समझने में कोई समस्या न थी ।

      और दिलचस्प बात ये है कि अंग्रेजी मीडियम वाले शायद ही उतनी ग्रामर समझ पाते हों जितनी हम समझ लेते थे । क्योंकि वही, कि उनकी ग्रामर भी अंग्रेजी में पढ़ाई जाती थी जिसे वो कम ग्रहण कर पाते थे ।

      फिर भी हम अंग्रेजी नहीं बोल पाते थे । भला क्यों ? कारण छोटा सा था । जिसे हमने कुछ देर में समझा ।

      मगर जब समझा तब ही दूर कर लिया और वो अचूक भी था ।

      कारण ये था कि हमने कभी अंग्रेजी बोली नहीं बल्कि केवल सीखी । और शायद ये इन्तजार करते रहे कि जब सीख जाएँगे तो बुलने लगेगी ।

      वो तो होने से रहा ।............. किन्तु एक बार हमने यह छुट्टियों के दिनों में मित्रों के साथ विचार किया कि एक स्थान पर मिलकर प्रतिदिन कुछ घंटे अंग्रेजी में बातचीत की जाए ।

      सो हमने समय और स्थान तय किया और ग्रुप डिस्कशन शुरू कर दिया ।

      वहीं से हमारी अंग्रेजी की खामियाँ उजागर होने लगीं ।

      Group Discussion of Boys

      मतलब ये कि बोलते बोलते कुछ शब्द आते जो दिखने में सरल होते पर उनकी अंग्रेजी हम जानते तक नहीं थे ।

      जैसे भोला भाला शब्द को ही ले लीजिए । आप सोचेंगे कि ये तो बहुत भोला भाला शब्द है ।

      मगर हो सकता है कि आपने कभी इसकी अंग्रेजी न की हो । कुछ ने की होगी । मगर फिर उसके लिए कोई और ऐसे शब्द होंगे ।

      हमने उन शब्दों को नोट किया और कई बार आपस में ही पूछकर सोचविचारकर खोजा कि इसे अंग्रेजी में क्या कहते होंगे ।

      जैसे भोला भाला को Innocent या Gullible आदि ।

      धीरे धीरे ये शब्द हमारे गैप्स को भरने लगे और हम धुँआधार अंग्रेजी बोलने लगे ।

      बल्कि ये करते हुए आनन्द आने लगा कि अब एक पूरी बात कहकर देखते हैं कि क्या कोई नया शब्द सीखने को मिलता है या नहीं ।

      मतलब ये कि हम खुद ढूँढने लगे कि हम अटकें और हमें कुछ नया सीखने को मिले ।

      ये था प्रथम भाग । प्रयास रहेगा कि इसका अगला भाग भी प्रस्तुत किया जाए ।

      किन्तु आप इतना तो समझ गए होंगे कि आपको भी इसी तरह एक मित्र मंडली बनानी चाहिए और प्रतिदिन कुछ घंटे इसी तरह अंग्रेजी का अभ्यास करना चाहिए ।

      तभी आपको फर्राटेदार बोलना आसानी से आ सकेगा ।